कोविशील्ड का सच

पिछले कुछ महीनो से हमारे देश में लोग अचानक मौत का ग्रास बन रहे हैं लोग नाचते कुत्ते बैठे बैठे अचानक मर जाते हैं ऐसे दर्जनों वीडियो आप सोशल मीडिया पर देख सकते हैं लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि यह सब क्यों और किस लिए हो रहा है अब बात करते हैं इंग्लैंड की कंपनी एस्ट्रेजनेका की एस्ट्रोजेनिक आने पिछले दिनों इंग्लैंड में कोर्ट में माना कि उनके द्वारा तैयार करी गई करोड़ों की वैक्सीनेशन के साइड इफेक्ट है भारत में भी सिरम इंस्टीट्यूट ने एस्ट्रेजनेका के साथ मिलकर भारत में कोरोना की वैक्सीन कोविशील्ड बनाई थी जिसे 175 करोड लोगों को लगाया गया है तो  क्या भारत में 175 करोड लोगों को साइड इफेक्ट होने के चांसेस हैं

इस मामले पर आगे बात करने से पहले हम आपको करोड़ों टाइम में लेकर चलते हैं सबसे पहले प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन लगाया और कैसे देश की गरीब जनता सड़कों पर आ गई और बच्चों और महिलाओं के साथ हजारों किलोमीटर पैदल चलने पर विवश हो गए फिर आया मौत का मंजर हजारों लोग डेली मार रहे थे और सरकार कुछ और ही दाता पेश कर रही थी इस देश में मेडिकल फैसेलिटीज के अभाव में लोग मर रहे थे

फिर 16 जनवरी 2021 आया जिस दिन प्रधानमंत्री ने खुद वैक्सीनेशन लगवा कर देश के लोगों को इस लगवाने की अपील करें सबसे पहले इसे हेल्थ वर्कों को लगाया गया उसके बाद सरकारी कर्मचारियों के लिए मैंडेटरी किया गया बाद में इस प्राइवेट सेक्टर को भी अपने एम्पलाइज को लगवाने के लिए हिदायत दी गई

अब एक रिपोर्ट की माने तो भारत में 175 करोड लोगों को कोविशील्ड लगी हुई है यह वही वैक्सीनेशन है जिसे भारत के सिरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया ने इंग्लैंड की कंपनी एस्ट्रेजने का के साथ मिलकर बनाया था तो क्या भारत में 175 करोड लोगों को साइड इफेक्ट होने का खतरा है

अब समझिए कि यह पूरा मामला कैसे लाइमलाइट में आया

अप्रैल 2021 में जेमी स्कॉट नाम के शख्स ने यह वैक्सीन लगवाई थी। इसके बाद उनकी हालत खराब हो गई। शरीर में खून के थक्के बनने का सीधा असर उनके दिमाग पर पड़ा। इसके अलावा स्कॉट के ब्रेन में इंटरनल ब्लीडिंग भी हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टरों ने उनकी पत्नी से कहा था कि वो स्कॉट को नहीं बचा पाएंगे। जेमी स्कॉट की पत्नी ने ब्रिटिश कोर्ट में एस्ट्राजेनेका के खिलाफ पहला केस दर्ज कराया था।

एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का इस्तेमाल अब ब्रिटेन में नहीं हो रहा है। टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, बाजार में आने के कुछ महीनों बाद वैज्ञानिकों ने इस वैक्सीन के खतरे को भांप लिया था। सुझाव दिया गया था कि 40 साल से कम उम्र के लोगों को दूसरी किसी वैक्सीन का भी डोज दिया जाए, क्योंकि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन से होने वाले नुकसान कोरोना के खतरे से ज्यादा थे।

अब इंग्लैंड में कोर्ट में एस्ट्रोजेनिक ने माना है कि उनके द्वारा बनाई गई कोरोना वैक्सीन नेशन के साइड इफेक्ट है उनके द्वारा बनाई गई कोरोना वैक्सीनेशन में ट्स की में दिक्कत है जिससे खून का थक्का बनता है दिमाग में और शरीर के दूसरे हिस्सों में और प्लेटलेट भी काम हो जाता है जिसे अचानक किसी की भी मौत हो सकती है

मेडिसिन हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी (MHRA) के मुताबिक ब्रिटेन में साइड इफेक्ट से जूझने वाले हर 5 में से एक व्यक्ति की मौत हुई है। फरवरी में 163 लोगों को सरकार ने मुआवजा दिया था। इनमें से 158 ऐसे थे, जिन्होंने एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगवाई थी।  ऐसे मामलों में इंग्लैंड में एक व्यक्ति को करीब सवा करोड रुपए के आसपास मुफजा मिलता है.

अगर इंग्लैंड में 163 लोगों में से 158 लोग ऐसे थे जिनकी एस्ट्रेजनेका की वैक्सीन से मौत हुई है तो आप सोचिए की भारत में 175 करोड लोगों में यह आंकड़ा कितना बड़ा हो सकता है .

हालांकि हमारे देश में कानून बहुत लचीला है और लोग जवाब देने से बचते हैं

जिस सिरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया ने एस्ट्रेजने का के साथ मिलकर कोविशील्ड की 175 डोज भारत में लोगों को लगाई है उसका अभी तक इसके ऊपर कोई बयान नहीं आया है

चुनाव चल रहा है इसके बावजूद भारत सरकार के किसी वरिष्ठ मंत्री ने ना प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसको लेकर किसी भी तरह का कोई बयान जारी नहीं किया है आखिर इतने संवेदन हीन  क्यों हो गए हैं हम अगर यह धर्म की या जात की बात होती तो अभी तक इस पर लाखों रिएक्शंस आ चुके होते . क्या इस देश के लोग यह भूल जाते हैं कि जब इस तरह की वैक्सीनेशन लगती है तो किसी एक धर्म के लोगों के नहीं लगती या वह किसी एक जात के लोगों के लिए नहीं होती . यह इस देश के हर नागरिक को लगती है चाहे वह किसी धर्म से हो चाहे जाति से हो .  तो क्या आपके और हमारी जवाब दे नहीं बनती कि हम अपने लोकल विधायक से अपने लोकल संसद से  इसके बारे में बात करें और इसके बारे में सरकार की तरफ से एक आधारित बयान जारी करवाई.

क्या सिरम इंस्टीट्यूट को आगे आकर एक आधारित आधिकारिक बयान जारी नहीं करना चाहिए और अगर इस वैक्सीन के साइड इफेक्ट से इस देश में हजारों लोग मर रहे हैं तो क्या उन्हें एक मुआवजा नहीं मिलना चाहिए हालांकि एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है कि सुप्रीम कोर्ट को अपनी तरफ से इस वैक्सीन की एक जांच करवानी चाहिए देखते हैं भविष्य में सुप्रीम कोर्ट इस पर क्या निर्णय करता है

https://youtu.be/CNLLDvbfVbY