19 March 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने पर बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद को कड़ी फटकार लगाइए. अब सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को अदालत में पेश होने के लिए कहा है और यह भी कहा है कि अगर बाबा रामदेव इस बारे पेश नहीं होते तो इसे कंटेंप्ट आफ कोर्ट माना जाएगा
अब बात करते हैं कि मामला क्या है IMA यानी कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अगस्त 2022 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी कि पतंजलि एलोपैथी के बारे में गलत प्रचार करती है उनका एक विज्ञापन था कि एलोपैथी द्वारा फैलाई गई गलतफहमियों से खुद को और देश को बचाएं
इस पर ज्यादा चर्चा करने से पहले हम बात करेंगे कि रामदेव ने पतंजलि को इतना बड़ा साम्राज्य कैसे बनाया सन 2006 में पतंजलि की स्थापना बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने की थी बालकृष्ण के पास 94% की हिस्सेदारी है. पहले बाबा रामदेव योग सिखाते थे और बाबा रामदेव की क्लीन और हेल्दी इमेज थी, उनकी अपनी एक फैन फॉलोइंग थी जब उन्होंने प्रोडक्ट्स की कंपनी लॉन्च की तो लोगों ने उनके प्रोडक्ट्स को हाथों-हाथ खरीदा. उन्होंने करीब 900 प्रोडक्ट बनाए और एक बड़ी मार्केट पर कब्जा कर लिया .
सन 2014 में भारत में नरेंद्र मोदी की सरकार देश में बदलाव और देशभक्ति के नाम पर आई और इसी का फायदा रामदेव ने उठायाआई. इसी को बुलाते हुए रामदेव ने देशभक्ति और स्वाभिमानता का नारा दिया और लोगों को यह समझने में कामयाब रहे कि विदेशी कंपनियों को इस देश से भगाओ और स्वदेशी अपनाओ स्वदेशी यानी पतंजलि के प्रोडक्ट्स.
सन 2013-14 में पतंजलि का रेवेन्यू 1184 करोड़ था 1 साल के बाद यानी कि करीब 2014-15 में यह 2006 करोड़ पहुंच गया यानी की 1 साल में करीब करीब दोगुना 2017 तक आते-आते रामदेव की कंपनी ने 10000 करोड़ का आंकड़ा छू लिया और इसमें 2 Lakh एम्पलाइज काम करने लगे.
पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण को 2016 में Forbes लिस्ट आफ इंडिया में 100 रिचेस्ट इंडियन में 48 स्थान मिला. पतंजलि के सबसे ज्यादा बिकने वाले प्रॉडक्ट्स में थे पतंजलि घी, पतंजलि टूथपेस्ट, आयुर्वैदिक फार्मेसी, हेयर ऑयल और हर्बल शॉप.
अब बात करते हैं कि इतनी बड़ी कंपनी और बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट ने आखिर ऐसा क्यों कहा कि आप देश को धोखा देना बंद कीजिए.
हालांकि बाबा रामदेव का जीवन काफी कंट्रोवर्शियल रहा है अगर पिछले 10 साल की बात करें तो 10 साल में बाबा रामदेव पर करीब करीब 100 के आसपास छोटे-बड़े केसे हुए.
2018 में एक केस पतंजलि पदार्थ फैक्ट्री पर हुआ 40 गांव के लोगों ने कहा की फैक्ट्री से गंगा में केमिकल छोड़ा जाता है जिससे उनके पशु पानी पीने से मर जाते हैं लेकिन बाबा रामदेव के रसूक से आगे कुछ नहीं हुआ.
बाबा रामदेव का आंवला जूस भी टेस्ट में फेल हो गया था
बाबा रामदेव ने जब नूडल्स लॉन्च किया तो FSSAI यानी कि द फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने बाबा के इंस्टेंट नूडल्स पर नोटिस जारी कर दिया था. बाबा ने बिना अप्रूवल किस मार्केट में लॉन्च कर दिया था.
कोरोना टाइम में भी बाबा रामदेव ने दावा किया कि उन्होंने कोरोना की दवा बना ली है और मार्केट में कोरोनिल नाम से एक दवा लॉन्च की लेकिन बाद में बाबा इसके क्लिनिकल डाटा देने में फेल हो गई इस बात पर आयुष मंत्रालय पर भी सवाल उठे.
हालांकि The आयुर्वेद एंड युनानी लाइसेंस अथॉरिटी ऑफ देहरादून ने पहले ही बाबा रामदेव की पांच दवाइयां को banकर दिया था यह दवाइयां है …
Madhugiri, Eyegrit, Thyrogrit, BPgrit औरLipidom.
2023 में दिल्ली की एक को फॉर्म ने पतंजलि आयुर्वेद के ऊपर एक लीडर नोटिस जारी करवाया उनका कहना था कि बाबा रामदेव में वेज प्रोडक्ट्स में नॉन वेज चीजों का इस्तेमाल करते हैं .
अब बात करते हैं कि बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद के ऊपर सुप्रीम कोर्ट इतना सख्त क्यों है ? सुप्रीम कोर्ट के बार-बार बाबा रामदेव को हिदायत देने के बाद भी वह नहीं सुधारते हैं और लगातार एलोपैथी के खिलाफ एक मुहिम चलाए हुए हैं जिसमें वह एलोपैथी को बेवकूफ और दिवालिया विज्ञान कहते हैं बाबा राम ने एलोपैथिक दवा कोविद-19 को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है.
पतंजलि अपने विज्ञापनों में कुछ बीमारियों को लेकर झूठे दावे करती है. पतंजलि अक्सर अपने विज्ञापनों में कुछ बीमारियों को लेकर यह कहती है कि वह बीमारियों को जड़ से खत्म कर सकते हैं . DOMA के तहत यह गैरकानूनी है. इसके तहत सजा और जमाने का प्रावधान है.
पतंजलि बार-बार जानबूझकर इसका उल्लंघन करती आई है सुप्रीम कोर्ट ने कई बार पतंजलि को चेतावनी दी लेकिन बाबा पर सता का नशा छाया हुआ था और वह अपने आप को कानून से ऊपर समझने लगे थे. 21 नंबर 2023 को भी सुप्रीम कोर्ट ने बाबा को चेतावनी दी थी और उन्हें हिदायत दी थी कि एलोपैथी वर्सेस आयुर्वेद ना बनाए लेकिन बाबा नहीं माने. कोर्ट को आश्वासन देने के बाद भी बाबा अपने मन की करते रहे .
फरवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई तब भी बाबा झूठे और भ्रामक विज्ञापन दे रहे थे. इस पर सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया.
19 मार्च 2024 की सुनवाई के दौरान भी बाबा रामदेव कोर्ट में पेश नहीं हुए. बाबा के तर्क यह है कि वह पतंजलि में किसी भी पद पर नहीं है, वह तो सिर्फ एक ब्रांड एंबेसडर की भूमिका में है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दलील खारिज कर दी और उन्हें और आचार्य बालकृष्ण को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया .कोर्ट ने यह भी कहा कि आप देश को धोखा देना बंद करें और अगर आप अगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश नहीं हुई तो आपके खिलाफ कंटेंप्ट आफ कोर्ट लगाया जाएगा.
आखिर सुप्रीम कोर्ट ने यह दिखा दिया कि कोई भी इंसान कितने ही रसूखदार क्यों ना हो, अगर वह कानून से खिलवाड़ करेगा तो उसको एक दिन कानून के दायरे में आना पड़ेगा.