कल, हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने 6 सांसदों के टिकट की पुष्टि की है। आज हम उनके राजनीतिक जीवन के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
सबसे पहले, राव इंद्रजीत के बारे में बात करते हैं। राव इंद्रजीत पांच बार के सांसद हैं और मोदी सरकार में मंत्री भी हैं। वे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री राव वीरेंद्र सिंह के बेटे हैं। जनवरी 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। वे चार बार हरियाणा में विधायक चुने गए हैं और पांच बार सांसद रह चुके हैं। उन्होंने गुड़गांव और महेंद्रगढ़ से सांसद बने। राव इंद्रजीत पहली बार 1977 में रेवाड़ी जिले की जाटूशाना सीट से विधायक चुने गए थे। उन्होंने 1996 तक हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया। 1998 में पहली बार सांसद बने और 2004 से 2014 तक कांग्रेस की टिकट पर सांसद रहे। 2014 में भाजपा में शामिल होने के बाद से वे भाजपा की टिकट पर सांसद बने हुए हैं।
चौधरी धर्मबीर सिंह, जिन्हें इस बार भी भाजपा ने भिवानी महेंद्रगढ़ से अपना उम्मीदवार बनाया है. चौधरी धर्मवीर चार बार MLA रहे हैं . 2 बार तोशाम से 1 बार बाढड़ा से और एक बार गुड़गांव जिले की सोहना विधानसभा सीट से. उन्होंने 1983 में अपने गांव तालू से पांच का चुनाव जीत कर अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. 1987 में हरियाणा की राजनीति में उनका नाम सुर्खियों में आया जब उन्होंने हरियाणा के कद्दावर नेता चौधरी बंसीलाल को तोशाम विधानसभा सीट से चुनाव हार दिया. यह धर्मबीर का पहला MLA चुनाव था. 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले ही इन्होंने भी इंद्रजीत के साथ कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था.
फरीदाबाद से इस बार भी भारतीय जनता पार्टी ने कृष्ण पाल गुर्जर को अपना कैंडिडेट बनाया है. कृष्ण पाल गुर्जर 1996 में पहली बार विधायक बने. 3 बार हरियाणा विधानसभा के सदस्य भी रहे हैं. इसके अलावा वह भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं. उनका मोदी और शाह से काफी करीबी रिश्ता है. 2014 और 2019 में दोनों लोकसभा चुनाव में कृष्ण पाल गुर्जर ने रिकार्ड मतों से जीत हासिल की थी
भारतीय जनता पार्टी ने सिरसा लोकसभा सीट से अशोक तंवर को अपना प्रत्याशी बनाया है. कुछ समय पहले ही आम आदमी पार्टी छोड़कर अशोक तंवर भारतीय जनता पार्टी में आए थे. उन्हें भाजपा में लाने का श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को जाते हैं. अपने 24 साल के राजनीतिक कैरियर में अशोक तंवर 4 पार्टी बदल चुके हैं. वह 1999 में कांग्रेस की NSUI के सचिव के रूप में सक्रिय राजनीति में आए थे. उसके बाद वह युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने. एक समय में अशोक तंवर राहुल गांधी के काफी करीबी माने जाते थे. 2019 में उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था, इसके बाद वह तृणमूल कांग्रेस में चले गए थे फिर अचानक 2022 में अशोक तंवर ने आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली थी और कुछ समय पहले ही वह आम आदमी पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे
इस बार करनाल संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी ने मौजूदा सांसद संजय भाटिया का टिकट काट दिया है. वहां से हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का टिकट पक्का किया है. मनोहर लाल खट्टर ने चंद दिनों पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है. मनोहर लाल खट्टर 2014 में हरियाणा के मुख्यमंत्री बने तब से लेकर वह लगातार 9:30 साल तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हैं. पहली बार वह करनाल से संसद का चुनाव लड़ने जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ रोज पहले ही उनके और अपनी दोस्ती के बारे में एक सम्मेलन में बता चुके हैं कि उनकी और मनोहर लाल खट्टर की दोस्ती दरी के जमाने की है और दोनों मोटरसाइकिल पर रोहतक से गुड़गांव तक जाते थे. मनोहर लाल खट्टर को संघ का भी काफी करीबी माना जाता है
इस बार अंबाला से भारतीय जनता पार्टी ने बंतो कटारिया को टिकट दिया है. इससे पहले अंबाला से बंतो देवी के पति रतनलाल कटारिया सांसद थे. कुछ समय पहले ही रतनलाल कटारिया जी का निधन हो चुका है. भारतीय जनता पार्टी ने बंतो देवी को टिकट देकर रतनलाल कटारिया की अंतिम इच्छा पुरी की है.