नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जिसके साथ 5 मंत्रियों को भी शपथ दिलाई गई। इनमें कंवरपाल गुर्जर, मूलचंद शर्मा, चौधरी रंजीत सिंह चौटाला, जय प्रकाश दलाल, और बनवारी लाल शामिल हैं। नायब सैनी हरियाणा के 11वें मुख्यमंत्री हैं।
नायब सैनी का जन्म 25 जनवरी 1970 को अंबाला के गांव मिर्जापुर माजरा में हुआ था। उन्होंने बीए और एलएलबी की पढ़ाई की है। सैनी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े हैं। वे ओबीसी समुदाय से हैं और संगठन में काम करने का लंबा अनुभव रखते हैं।
नायब सिंह सन् 2009 में भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा हरियाणा के प्रदेश महामंत्री के पद पर नियुक्त रहे। उन्होंने साल 2012 में भारतीय जनता पार्टी से जिलाध्यक्ष के पद पर कार्य किया। 2014 में नायब नारायण गढ़ विधानसभा से विधायक चुने और फिर साल 2015 में हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री बने। वे साल 2019 में कुरुक्षेत्र से सांसद चुने गए। मुख्यमंत्री बनने से पहले उन्होंने हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष का कार्य भी संभाला था।
नायब सिंह सैनी को ओबीसी वर्ग से संबंध रखते हैं और वे कुरुक्षेत्र से सांसद हैं। उन्हें मुख्यमंत्री मनोहर लाल का खास भी समझा जाता है। उन्होंने भाजपा के साथ अपना राजनीतिक सफर साथ मिलकर शुरू किया और साल 1996 से 2000 तक भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी के रूप में काम किया।
हरियाणा में भाजपा के पास 41 विधायक हैं और 6 निर्दलियों का समर्थन भी है। इसके बावजूद, 47 विधायकों के साथ भाजपा ने फिर से सरकार बनाई है।
अनिल विज की नाराजगी की वजह
सीनियरिटी के मामले में खुद को मुख्यमंत्री ने बनाए जाने से अनिल विज नाराज है.अनिल विज को मंत्रालय में जगह नहीं मिली है। वह शपथ समारोह के दौरान अंबाला में थे। ऐसी अटकलें थीं कि अनिल विज को नायब की कैबिनेट में डिप्टी मुख्यमंत्री मिलती। लेकिन उन्हें कैबिनेट में जगह ही नहीं दी गई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े रहे हैं। साल 1990 में जब सुषमा स्वराज राज्यसभा के लिए चुनी गईं तो अंबाला की सीट पर अनिल विज ने बाजी मारी और वहां से उपचुनाव लड़कर सीधा विधानसभा पहुंचे.